अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को ईरान के लोगों से कहा कि वह उनके साथ खड़े हैं और प्रदर्शनों की निगरानी कर रहे हैं। ईरान ने 8 जनवरी को यूक्रेन के विमान को मार गिराया था। ईरान ने शनिवार को कबूला कि उसकी सेना ने गलती से यूक्रेन के यात्री विमान को निशाना बना दिया। सरकार की तरफ से जारी बयान में इसे इंसानी भूल (ह्यूमन एरर) बताया गया। इस घटना के बाद से ईरान में सैकड़ों लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
ट्रम्प ने ट्वीट किया- ईरान के बहादुर और लंबे समय से पीड़ित लोगों के साथ मैं अपने कार्यकाल की शुरुआत से खड़ा हूं। मेरा प्रशासन आपके साथ खड़ा रहेगा। उधर, ईरान के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कुछ ईरानी औद्योगिक कंपनियों और अधिकारियों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की निंदा की है। शुक्रवार को अमेरिका ने इराक में अमेरिकी सेनाओं पर अपने मिसाइल हमले के जवाब में कार्रवाई करते हुए ईरान पर और ज्यादा प्रतिबंध लगाए। ट्रम्प ने फारसी में भी ट्वीट किए।
न्यूज एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के विनिर्माण, खनन और कपड़ा क्षेत्रों के साथ ईरान के वरिष्ठ अधिकारियों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मूसवी ने कहा कि दुर्भाग्य से अमेरिकी हमारे साथ एकतरफा,
अवैध और बुरा बर्ताव कर रहे हैं। अमेरिकियों ने उन उद्योग क्षेत्रों पर प्रतिबंध लगाए हैं, जो सीधे लाखों लोगों के दैनिक जीवन से जुड़े हैं। इन प्रतिबंधों से ईरान के प्रति अमेरिका की शत्रुतापूर्ण नीतियों का पता चलता है।
ईरान में ब्रिटेन के राजदूत रॉब मैकेयर को यहां विरोध प्रदर्शन आयोजित करने और उसमें हिस्सा लेने के कारण शनिवार शाम को कुछ घंटों के लिए गिरफ्तार कर लिया गया। समाचार एजेंसी तस्नीम की रिपोर्ट के मुताबिक, तेहरान में अमीर कबीर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के बाहर यूक्रेन विमान हादसे के खिलाफ सैकड़ों छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जिसमें मैकेयर भी शामिल हुए। छात्रों ने रैली निकालकर इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कथित रूप से ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कार्प्स (आईआरजीसी) के कमांडर कासिम सुलेमानी की एक तस्वीर फाड़ी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग भी किया। कमांडर सुलेमानी की पिछले सप्ताह अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत हो गई थी। मैकेयर पर प्रदर्शनकारियों को उकसाने का आरोप है। उन्हें गिरफ्तार करने के कुछ ही घंटों बाद रिहा कर दिया गया, लेकिन इस संबंध में समन भेजकर उनसे जवाब तलब किया जाएगा।
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